जय श्री सच्चिदानंद जी
एक बार एक हनुमान भक्त किसान की बैलगाड़ी कीचड के गड्डे में फंस गई! वो गाडी से उतरा और एक किनारे बैठ हनुमान चालीसा पढने लगा! एक पंडित जी वहां से गुजरे, पूछा क्या कर रहे हो ?
किसान ने कहा -मेरी बैलगाड़ी गड्डे में फँस गई है, हनुमान जी से प्रार्थना कर रहा हूँ इसे बाहर निकालने की!
पंडित जी ने कहा - अरे बाबरे, हनुमान जी संजीवनी का पता न होने पर भी पूरा पहाड़ ही उठा लाये थे, तुम कम से कम कोशिश तो करो इसे बाहर निकालने की, मैं भी हाथ लगवा दूँगा! सिर्फ प्रार्थना करने से उपलब्धि नहीं होती! पुरुषार्थ भी करना पड़ता है!
किसान को बात समझ आई, उसने जोर लगाया और गाडी गड्डे से बाहर आ गई!
परमात्मा भी उन्ही की सहायता करते हैं, जो अपनी सहायता आप करते हैं! पहले आप कोशिश तो कीजिये, हाँ प्रार्थना के साथ की गई कोशिश ज्यादा और जल्दी फल देती है!
जय श्री सच्चिदानंद जी
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