एक बार की बात है दो घनिष्ठ मित्र थे, राम और श्याम. दोनो एक व्यापारी के यहाँ लकड़ी काटने का काम करते थे. दोनों दिन भर मेहनत करते और लकड़ी काटते थे. राम हमेशा श्याम से अधिक लकड़ी कटा करता और उसकी तनख़्वा की श्याम से ज़्यादा थी. ये बात श्याम को बहुत परेशान करती थी कि मैं भी दिन भर मेहनत करता हूँ फिर भी कम लकड़ी काट पता हूँ और तनख़्वा भी कम है.
एक दिन श्याम से रहा नहीं गया आख़िर उसने व्यापारी से पूछ ही लिया की राम में ऐसी क्या बात है की आप उसको मुझसे ज़्यादा मेहनताना देते हो और मुझसे ज़्यादा विश्वास भी करते हो? व्यापारी ने हँस कर जवाब दिया कि मैं देखता हूँ की तुम रोज सुबह आते हो लकड़ी काटने मे लग जाते हो और शाम तक कुछ लकड़ियाँ काट कर वापस चले जाते हो फिर अगले दिन वही करते हो. लेकिन राम सुबह आकर सबसे पहले अपना लकड़ी काटने का चाकू पैना करता है फिर सारा दिन वो बिना ज़्यादा मेहनत किए तुमसे ज़्यादा लकड़ी काट लेता है यही अंतर है तुम दोनो में और मे इसीलिए राम को ज़्यादा पैसा भी देता हूँ|
तो मित्रों, Hard Working का जमाना गया ध्यान दीजिए Smart Work पे. सबसे पहले अपने Skill को Improve करिए और अपने माइंड को develop करिए उसके बाद जब आप किसी काम को अंजाम देंगे तो वो Really क़ाबिले तारीफ होगा.
एक दिन श्याम से रहा नहीं गया आख़िर उसने व्यापारी से पूछ ही लिया की राम में ऐसी क्या बात है की आप उसको मुझसे ज़्यादा मेहनताना देते हो और मुझसे ज़्यादा विश्वास भी करते हो? व्यापारी ने हँस कर जवाब दिया कि मैं देखता हूँ की तुम रोज सुबह आते हो लकड़ी काटने मे लग जाते हो और शाम तक कुछ लकड़ियाँ काट कर वापस चले जाते हो फिर अगले दिन वही करते हो. लेकिन राम सुबह आकर सबसे पहले अपना लकड़ी काटने का चाकू पैना करता है फिर सारा दिन वो बिना ज़्यादा मेहनत किए तुमसे ज़्यादा लकड़ी काट लेता है यही अंतर है तुम दोनो में और मे इसीलिए राम को ज़्यादा पैसा भी देता हूँ|
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जय श्री सच्चिदानंद जी
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